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Pitru Paksha 2023: क्यों मनाया जाता है पितृपक्ष और क्या है इसका अलसी महत्त्व? विस्तार से जानिए

 

Pitru Paksha 2023 reason and importance
Pitru Paksha 2023 reason and importance
 

Pitru Paksha 2023

Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष या पितरपख भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवधि है जो पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण के अनुष्ठानों को चिह्नित करती है. यह पितृ पक्ष हिंदू पंचांग के आश्विन मास में आता है, जो सितंबर या अक्टूबर के महीने में पड़ता है.

 

पितृपक्ष की शुरुआत आश्विन कृष्ण प्रतिपदा के दिन होती है और श्राद्ध पक्ष की समाप्ति भी अमावस्या के दिन होती है. इस अवधि के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और अन्य अनुष्ठान करते हैं.

 

पितृपक्ष के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों के लिए भोजन, पानी, फूल और अन्य प्रसाद अर्पित करते हैं. वे पितरों के लिए वेद मंत्रों का भी पाठ करते हैं. इस अवधि के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं.

 

पितृपक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान, पितृ अपने परिवारों से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं. हिंदू अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण करके उन्हें आश्वस्त करते हैं.


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Pitru Paksha के दौरान मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्योहार हैं:

 

श्राद्ध पक्ष की शुरुआत: इस दिन, हिंदू अपने पूर्वजों की आत्माओं को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

 

पितृ पक्ष की समाप्ति: इस दिन, हिंदू अपने पूर्वजों को विदाई देते हैं और उन्हें आशीर्वाद मांगते हैं.

 

महालय अमावस्या: इस दिन, हिंदू अपने पूर्वजों के लिए विशेष पूजा करते हैं.

 

श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन: इस दिन, हिंदू अपने पूर्वजों के लिए एक अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

 

पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो पितृ पक्ष की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है.

 

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Pitru Paksha के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियम और विनियम हैं जिन्हें पालन करना चाहिए:

 

इस अवधि के दौरान, लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

 

इस अवधि के दौरान, अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान नहीं करना चाहिए.

 

इस अवधि के दौरान, पितरों के लिए श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करनी चाहिए.

 

इस अवधि के दौरान, पितरों के लिए भोजन और अन्य प्रसाद अर्पित करना चाहिए.

 

पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण अवधि है जो हमें अपने पूर्वजों की याद दिलाती है और उन्हें सम्मान देती है. यह एक अवसर है जब हम उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं और उनकी आत्माओं की शांति के लिए काम कर सकते हैं.

 

पितृपक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह अवधि पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है. पितृपक्ष के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों की आत्माओं को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. वे अपने पूर्वजों के लिए भोजन, पानी, फूल और अन्य प्रसाद अर्पित करते हैं. वे पितरों के लिए वेद मंत्रों का भी पाठ करते हैं.


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Pitru Paksha 2023 Reasons: पितृपक्ष के महत्व के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

 

यह एक अवसर है जब हम अपने पूर्वजों की याद कर सकते हैं और उन्हें सम्मान दे सकते हैं.

 

यह एक अवसर है जब हम उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं और उनकी आत्माओं की शांति के लिए काम कर सकते हैं.

 

यह एक अवसर है जब हम अपने पूर्वजों के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

 

Pitru Paksha के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियम और विनियम हैं जिन्हें पालन करना चाहिए:

 

इस अवधि के दौरान, लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

 

इस अवधि के दौरान, अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान नहीं करना चाहिए.

 

इस अवधि के दौरान, पितरों के लिए श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करनी चाहिए.

 

इस अवधि के दौरान, पितरों के लिए भोजन और अन्य प्रसाद अर्पित करना चाहिए.

 

पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण अवधि है जो हमें अपने पूर्वजों की याद दिलाती है और उन्हें सम्मान देती है. यह एक अवसर है जब हम उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं और उनकी आत्माओं की शांति के लिए काम कर सकते हैं.


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Pitru Paksha के दौरान किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण अनुष्ठान इस प्रकार हैं:

 

श्राद्ध: श्राद्ध एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों के लिए भोजन और अन्य प्रसाद अर्पित किया जाता है.

 

तर्पण: तर्पण एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों को पानी, दूध और अन्य पवित्र तरल पदार्थ अर्पित किए जाते हैं.

 

दान: दान एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पितरों के लिए दान दिया जाता है.

 

पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण अवधि है जो हमें अपने पूर्वजों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है.

 

Special Request:

 

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