Hindi Moral Stories for Kids : EP01
Hindi Moral Stories EP01: एक समय की बात है, एक बाघ एक छोटे गांव में रहता था. वो बाघ दूसरे जानवरों के लिए बहुत खतरनाक था. गांव के सभी लोग बाघ से बहुत डरते थे और सभी घरों में बंद रहते थे, ताकि उन्हें कोई परेशानी ना हो.
एक दिन, गाँव का एक बच्चा उस बाघ को देख लेता है और वह अपने दोस्तों के साथ अपनी जान बचाने के लिए दौड़ने लगता है. बाघ बच्चे के पीछे दौड़ता है और आखिरकार उसे पकड़ ही लेता है. बच्चा बहुत डर जाता है और बाघ से माफी मांगने लगता है.
वैसे तो बाघ दिखने में बड़ा खतरनाक था लेकिन बच्चे को देखकर वो बड़ी कोमलता के साथ उस बच्चे को स्पर्श करता है. तभी बाघ कहता है कि "मुझे माफ कर दो, मैंने तुम्हें चोट नहीं पहुंचाई है."
बच्चा ये सुनकर अचंभित होता है और बाघ से कहता है, "लेकिन आपने मुझे चोट नहीं पहुंचाई है बल्कि आपने तो मेरे जीवन को बचा लिया है, आपका धन्यवाद"
इसके बाद बच्चा कहता है कि, "याद रखें, हमेशा किसी को देखकर उसे पूरी तरह जानने से पहले निर्णय न लें. जीवन में कई बार हम अपने धर्म, जाति, या दिखावे के आधार पर लोगों को ठुकराते रहते हैं, लेकिन हम इस बात को भूल जाते हैं कि सिर्फ देखने भर से ही हम अच्छे और बुरे के बीच अंतर नहीं कर सकते."
ये सब सुनकर बाघ गहरी सोच में पड़ जाता है और अपनी गलतियों से सीखता है. वह अपना दुष्ट रूप छोड़कर उसे भलाई की ओर बदलता है. उसका उदाहरण देखकर, अन्य जानवर भी उसे माफ कर देते हैं और एक नया मित्रता का उदाहरण दुनिया के सामने पेश करते हैं.
इस कहानी से हमें ये सिखना चाहिए कि हमेशा लोगों को उनकी प्रकृति और कर्मों के आधार पर निर्णय नहीं करना चाहिए. हमें उनके साथ उदारता से व्यवहार करना चाहिए और एक दूसरे की मदद करना चाहिए, ताकि हम सब मिलकर एक सुखी और समृद्ध समाज बना सकें और सभी लोग ख़ुशी ख़ुशी रह सकें.
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