World No Tobacco Day 2020: सभी लोग जानते हैं कि तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है लेकिन फिर
भी लोग इसका उपभोग करते हैं. इतना ही नहीं इसके नुकसान तंबाकू पर भी लिखे होते हैं
लेकिन फिर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं.
हर साल 31 मई को दुनियाभर में वर्ल्ड नो टोबैको डे (World
No Tobacco Day) मनाया जाता है. हर साल इन दिन को मनाने के साथ-साथ
इसकी थीम भी रखी जाती है.
साल 2020 में भी इसकी थीम युवाओं
पर रखी गई है. वास्तव में वर्ल्ड नो तंबाकू डे का असली उद्येश्य इसके उपभोग पर रोक
लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को प्रेरित करना होता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ल्ड
हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक हर साल तंबाकू की वजह से दुनिया भर में 8 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती
है.
गौरतलब है कि तंबाकू के इस्तेमाल से कैंसर, दिल से जुड़ी
बीमारी, दांतों की बीमारी सहित कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं
पैदा होती हैं. यही वजह है कि WHO ने नो टोबैको डे की शुरुआत
की थी.
साल 1988 में पहली बार मनाया गया था वर्ल्ड नो
टोबैको डे
बता दें, 7 अप्रैल 1988 को WHO
की वर्षगांठ पर पहली बार वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया गया था. हालांकि
इसके बाद इसकी तारीक 31 मई कर दी गई और इसके बाद हर साल यह
31 मई को ही मनाया जाता है.
वर्ल्ड नो
टोबैको डे का उद्येश्य
दुनियाभर में हर साल तंबाकू की भारी
मात्रा में पैदावार होती है. दरअसल यह एक प्रकार की फसल होती है, जिसकी खेती की
जाती है. यही वजह है कि इसे हमेशा के लिए पूरी तरह एकदम बंद भी नहीं कर सकते.
क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो बहुत से मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे.
दुनियाभर के बड़े इलाकों में इसकी
कृषि की जाती है. जबकि इसका मानव शरीर पर बहुत नुकसान होता है. इसी से बचने के लिए
हर साल वर्ल्ड नो टोबैको डे दुनिया भर में धूम्रपान करने के प्रभाव, तंबाकू चबाने और इससे होने वाली बीमारियां
जैसे कैंसर, दिल की बीमारियों के बारे में जागरुक करना होता
है.
वर्ल्ड नो
टोबैको डे 2020 की थीम
वर्ल्ड नो टोबैको डे 2020 की थीम है कि युवाओं को इंडस्ट्री के
हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटिन के सेवन से रोकना.
इस साल WHO की तरफ
से भी हेल्थ सेफ्टी को बहुत अधिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है. साथ ही तंबाकू के
सेवन ना करने को लेकर भी जागरुकता फैलाने का कार्य तेजी से बढ़ रहा है.
बता दें, धूम्रपान और तंबाकू की
बुरी आदत अधिकांश लोगों में किशोर अवस्था में शुरू होती है इसलिए शुरुआत से इन्हें
सही रास्ते पर लाने पर जोर दिया जा रहा है.
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