दोस्तों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज 15
अगस्त (Independence
Day) के
मौके पर पूरा देश देशभक्ति में लीन है और इस साल बॉलीवुड (Bollywood) की 2 बड़ी
फ़िल्में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई हैं. इनमे एक अक्षय कुमार (Akshay Kumar) स्टारर मिशन
मंगल (Mission
Mangal) और दूसरी
जॉन अब्राहम (John Abraham) की बाटला हाउस.
Mission Mangal and Batla House Movie Review In Hindi |
दोनों फ़िल्में ही देशभक्ति पर आधारित हैं.
आज की पोस्ट में हम इन दोनों फिल्मों के बारे में बात करेंगे और देखेंगे कि दोनों
में से कौन सी फिल्म सबसे बेस्ट है?
मिशन मंगल - Mission Mangal Movie Review – In Hindi
इस
फिल्म की कहानी कहानी इसरो (ISRO) के मार्स प्रॉजेक्ट पर आधारित है, जब 24 सितंबर
2014 को इसरो की कई महिला साइंटिस्टों ने मंगल गृह की कक्षा में सैटलाइट लॉन्च
किया था. इस प्रोजेक्ट के बाद भारत (India) दुनियाभर में
पहला ऐसा देश बना, जो बेहद
ही कम बजट में अपने पहले ही प्रयास में इस मिशन में सफल रहा था.
इस फिल्म की कहानी
साल 2010 से शुरू होती है, जहां इसरो का लोकप्रिय साइंटिस्ट और मिशन
डायरेक्टर राकेश धवन (अक्षय कुमार) (Akshay Kumar) इसरो की ही
साइंटिस्ट और प्रॉजेक्ट डायरेक्टर तारा शिंदे (विद्या बालन) (Vidya Balan) के साथ मिलकर एक जीएसएलवी सी-39 नामक मिशन के
अंतर्गत एक रॉकेट लॉन्च करता है. लेकिन इस मिशन में वह नाकामयाब हो सकता है.
इसके
बाद उनपर लाखों सवाल उठते हैं. लेकिन राकेश फिर से कोशिश करता है और अपनी टीम
इकट्ठी करता है. इनमे ऐका गांधी (सोनाक्षी सिन्हा) (Sonakshi Sinha), कृतिका
अग्रवाल (तापसी पन्नू) (Taapsee Pannu), वर्षा पिल्ले
(नित्या मेनन) (Nithya Menen), परमेश्वर
नायडू (शरमन जोशी) (Sharman Joshi) और एचजी
दत्तात्रेय (H. G. Dattatreya) (अनंत अय्यर)
शामिल होते हैं.
वह इस बार खूब मेहनत करते हैं और कामयाब हो जाते हैं. फिल्म सभी
की अलग-अलग कहने को दर्शाया गया है, जिससे दर्शक बोर नहीं होते.
बता
दें, फिल्म का ट्रेलर पहले ही दर्शकों को खूब पसंद आया था. इसके अलावा फिल्म में
लगभग सभी ने बेहतरीन एक्टिंग की है. इसके फिल्म के डायरेक्टर जगन शक्ति (Jagan Shakti) ने शानदार
डायरेक्शन किया है. आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस फिल्म को देखकर आप देशभक्ति
से सराबोर हो जायेंगे.
बाटला हाउस – Batla House Movie
Review – In Hindi
इस
फिल्म की कहानी दिल्ली में 13 सितंबर 2008 को हुए सीरियल बम धमाकों की जांच के
सिलसिले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के स्पेशल सेल के ऑफिसर के के (रवि किशन) (Ravi Kishan) और संजीव
कुमार यादव (जॉन अब्राहम (John Abraham)) अपनी पूरी टीम के साथ बाटला हाउस एल-18 नंबर
की इमारत की तीसरी मंजिल पर पहुंचते हैं.
यहां पर इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध
आतंकियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो जाती है. इस मुठभेड़ में दो संदिग्धों की मौत
हो जाती है और एक पुलिस अफसर घायल हो जाता है. लेकिन इस मुठभेड़ में के के की मौत
हो जाती है.
इस
मुठभेड़ में एक संदिग्ध भागने में कामयाब हो जाता है. इस एनकाउंटर के बाद पूरे
देशभर में राजनीतिक माहौल गरम हो जाता है और चारों तरफ दिल्ली पुलिस को भला बुरा
कहा जाता है. संजीव कुमार इस मामले के बाद मानसिक बीमारी का शिकार हो जाता है.
ऐसे
में जब कोई भी उसका साथ नही देता तो उसकी पत्नी नंदिता कुमार (मृणाल ठाकुर) (Mrunal Thakur) उसके साथ हो जाती
है. इसके बाद कैसे वह अपने आपको और अपनी टीम को बेक़सूर साबित करता है? इसके लिए
आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
बाटला
हाउस एनकाउंटर की कहानी को बेहतरीन तरीके से बड़े पर्दे पर दर्शाया गया. निखिल
आडवाणी ने डायरेक्शन काफी अच्छा किया है. इसके जॉन अब्राहम (John Abraham) अपने किरदार
में पूरी जच रहे हैं. देखा जाए तो इस 15 अगस्त के मौके पर जॉन अब्राहम (John Abraham) ने अक्षय
कुमार (Akshay
Kumar) को कड़ी
टक्कर दी है.
हम दोनों ही फिल्मों को 5 में से 3.5 स्टार देते
हैं.
दोस्तों,
यदि
आपने ये दोनों फ़िल्में देखी हैं तो बताइए आपको कौन सी फिल्म सबसे अच्छी लगी?
कमेंट
कर अपनी राय देना ना भूलें.
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